आज भी तेरी याद आती हैँ ..
तु मेरी किस्मत मेँ नही
या मेरी किस्मत नही
एक अनजाने से कभी मुलाकात नही
कही मेरी रातो मेँ चाँदनी नही
बिन मुलाकात भी वो यादो मेँ क्यु?
किसी का ये हक मुझ पर क्यु?
आज भी तेरी याद आती हैँ ...
कोनसे लम्हेँ का ईँतजार हैँ
कल भी दुर था आज भी क्यु
मेरी चाहत पे ये तेरा मुङना क्यु
क्या कोई मेरे से भी ज्यादा चाहता हैँ
या यु कोई किसी से रुठता हैँ
मैँ नही जानता
केसे आती हैँ
क्यु आती हैँ
पर
तुम्हारी याद बहुत आती हैँ ...।
जेसे तुम हवा के संग चलती हो
कभी रुक जाती हो
कभी दशा बदल देती हो ,
फिर भी तुम हमेशा मेरे पास रहती हो
कोई नही
आज नही
कल ही सही,
मेरी मोहब्बत कि मालकिन
एकतरफा मैदान कि चालकिन
कभी तो एहसास होगा
मेरा रोज का दर्द कभी तुझे भी होगा
दर्द मेँ भी तेरी याद आती हैँ
कोई नही बस
यू ही तेरी याद आती हैँ...
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