वो चेहरा कुछ अलग था ।
जिसका असर हम पर
कुछ अलग था ।
जब जब निगाहे पङी, वो एहसास कुछ अलग था।
एक मुस्कान ही काफी ,
फिर भी अंदाज -ए- बँया
कुछ अलग था ।
अनजान ने मुलाकात लफ्जोँ से न कि
"अजनबी" वो नजरो का कमाल कुछ अलग था ।
बिन मिलन भी ,
वो दुरियोँ का फासला कुछ अलग था ।
कितने दिन गुजारे,
तेरे नाम से
यू तेरे नाम मेँ कुछ अलग था ।
तुझे भनक ना होगी 'Shr...,'
बस 'अवि' का इजहार-ए-इश्क कुछ अलग था ॥
No comments:
Post a Comment